Adhyay : 5 Mantra : 89 Back to listings वृथासंकरजातानां प्रव्रज्यासु च तिष्ठताम् । आत्मनस्त्यागिनां चैव निवर्तेतोदकक्रिया Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related