Adhyay : 5 Mantra : 7 Back to listings वृथा कृसरसंयावं पायसापूपं एव च । अनुपाकृतमांसानि देवान्नानि हवींषि च । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related