Adhyay : 5 Mantra : 66 Back to listings रात्रिभिर्मासतुल्याभिर्गर्भस्रावे विशुध्यति । रजस्युपरते साध्वी स्नानेन स्त्री रजस्वला । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related