लशुनं गृञ्जनं चैव पलाण्डुं कवकानि च । अभक्ष्याणि द्विजातीनां अमेध्यप्रभवानि च

लहसुन, सलगम, प्याज, कुकुरमुत्ता और अशुद्ध स्थान में होने वाले सभी पदार्थ द्विजातियों के लिये अभक्ष्य हैं ।

‘‘द्विज अर्थात् ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्रों को मलीन, विष्ठा, मूत्रादि के संसर्ग से उत्पन्न हुए शाक, फल – मूलादि न खाना ।’’

(स० प्र० दशम समु०)

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