Adhyay : 5 Mantra : 32 Back to listings क्रीत्वा स्वयं वाप्युत्पाद्य परोपकृतं एव वा । देवान्पितॄंश्चार्चयित्वा खादन्मांसं न दुष्यति Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related