Adhyay : 5 Mantra : 154 Back to listings विशीलः कामवृत्तो वा गुणैर्वा परिवर्जितः । उपचार्यः स्त्रिया साध्व्या सततं देववत्पतिः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related