Adhyay : 4 Mantra : 7 Back to listings कुसूलधान्यको वा स्यात्कुम्भीधान्यक एव वा । त्र्यहैहिको वापि भवेदश्वस्तनिक एव वा Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related