क्ल्प्तकेशनखश्मश्रुर्दान्तः शुक्लाम्बरः शुचिः । स्वाध्याये चैव युक्तः स्यान्नित्यं आत्महितेषु च

स्वाध्याय में तत्पर रहना –

केश, नाखून और दाढ़ी कटवाता रहे सहिष्णु रहे श्वेतवस्त्र धारण करे स्वच्छता रखे और प्रतिदिन वेदों के स्वाध्याय और अपनी उन्नति में लगा रहे ।

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