Adhyay : 4 Mantra : 132 Back to listings उद्वर्तनं अपस्नानं विण्मूत्रे रक्तं एव च । श्लेश्मनिष्ठ्यूतवान्तानि नाधितिष्ठेत्तु कामतः । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related