Adhyay : 4 Mantra : 126 Back to listings पशुमण्डूकमार्जार श्वसर्पनकुलाखुभिः । अन्तरागमने विद्यादनध्यायं अहर्निशम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related