Adhyay : 4 Mantra : 105 Back to listings निर्घाते भूमिचलने ज्योतिषां चोपसर्जने । एतानाकालिकान्विद्यादनध्यायानृतावपि । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related