हत्वा छित्त्वा च भित्त्वा च क्रोशन्तीं रुदन्तीं गृहात् । प्रसह्य कन्याहरणं राक्षसो विधिरुच्यते

हनन, छेदन अर्थात् कन्या के रोकने वालों का विदारण कर क्रोशती, रोती, कंपती और भयभीत हुई कन्या को बलात्कार हरण कर के विवाह करना वह ‘राक्षस विवाह’ कहा जाता है –

(सं० वि० विवाह सं०)

 

 

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