Adhyay : 3 Mantra : 284 Back to listings वसून्वदन्ति तु पितॄन्रुद्रांश्चैव पितामहान् । प्रपितामहांस्तथादित्यान्श्रुतिरेषा सनातनी Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related