Adhyay : 3 Mantra : 280 Back to listings रात्रौ श्राद्धं न कुर्वीत राक्षसी कीर्तिता हि सा । संध्ययोरुभयोश्चैव सूर्ये चैवाचिरोदिते । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related