Adhyay : 3 Mantra : 281 Back to listings अनेन विधिना श्राद्धं त्रिरब्दस्येह निर्वपेत् । हेमन्तग्रीष्मवर्षासु पाञ्चयज्ञिकं अन्वहम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related