Adhyay : 3 Mantra : 25 Back to listings पञ्चानां तु त्रयो धर्म्या द्वावधर्म्यौ स्मृताविह । पैशाचश्चासुरश्चैव न कर्तव्यौ कदा चन । Leave a comment प्रक्षिप्त श्लोक यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related