Adhyay : 3 Mantra : 223 Back to listings तेषां दत्त्वा तु हस्तेषु सपवित्रं तिलोदकम् । तत्पिण्डाग्रं प्रयच्छेत स्वधैषां अस्त्विति ब्रुवन् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related