Adhyay : 3 Mantra : 206 Back to listings शुचिं देशं विविक्तं च गोमयेनोपलेपयेत् । दक्षिनाप्रवणं चैव प्रयत्नेनोपपादयेत् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related