Adhyay : 3 Mantra : 207 Back to listings अवकाशेषु चोक्षेषु जलतीरेषु चैव हि । विविक्तेषु च तुष्यन्ति दत्तेन पितरः सदा Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related