Adhyay : 3 Mantra : 163 Back to listings स्रोतसां भेदको यश्च तेषां चावरणे रतः । गृहसंवेशको दूतो वृक्षारोपक एव च । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं Related