Adhyay : 3 Mantra : 121 Back to listings सायं त्वन्नस्य सिद्धस्य पत्न्यमन्त्रं बलिं हरेत् । वैश्वदेवं हि नामैतत्सायं प्रातर्विधीयते । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related