Adhyay : 3 Mantra : 109 Back to listings न भोजनार्थं स्वे विप्रः कुलगोत्रे निवेदयेत् । भोजनार्थं हि ते शंसन्वान्ताशीत्युच्यते बुधैः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related