Adhyay : 2 Mantra : 57 Back to listings योऽधीतेऽहन्यहन्येतां त्रीणि वर्षाण्यतन्द्रितः । स ब्रह्म परं अभ्येति वायुभूतः खमूर्तिमान् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related