Adhyay : 2 Mantra : 54 Back to listings सहस्रकृत्वस्त्वभ्यस्य बहिरेतत्त्रिकं द्विजः । महतोऽप्येनसो मासात्त्वचेवाहिर्विमुच्यते । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related