गुरुवत्प्रतिपूज्याः स्युः सवर्णा गुरुयोषितः । असवर्णास्तु सम्पूज्याः प्रत्युत्थानाभिवादनैः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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