शब्दः स्पर्शश्च रूपं च रसो गन्धश्च पञ्चमः । वेदादेव प्रसूयन्ते प्रसूतिर्गुणकर्मतः । ।

शब्द, स्पर्श, रूप, रस और पञ्चम गन्ध, ये उत्पत्ति, गुण और कार्य ज्ञान रूप से वेदों से ही प्रसिद्ध=विज्ञात होते हैं अर्थात् इन तत्वशक्तियों का उत्पत्तिविज्ञान, इनके गुणों का ज्ञान, इनकी उपयोगिता का ज्ञान वेदों से प्राप्त होता है ।

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