बिभर्ति सर्वभूतानि वेदशास्त्रं सनातनम् । तस्मादेतत्परं मन्ये यज्जन्तोरस्य साधनम्

यह जो सनातन वेदशास्त्र है सो सब विद्याओं के दान से सम्पूर्ण प्राणियों का धारण और सब सुखों को प्राप्त कराता है, इस कारण से (मनु आदि) हम लोग उसको सर्वथा उत्तम मानते है, और इसी प्रकार मानना भी चाहिए , क्योंकि सब जीवों के लिए सब सुखों का साधन यहीं है । (ऋ. भा. भू. वेदविषयविचार)

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