Adhyay : 12 Mantra : 97 Back to listings चातुर्वर्ण्यं त्रयो लोकाश्चत्वारश्चाश्रमाः पृथक् । भूतं भव्यं भविष्यं च सर्वं वेदात्प्रसिध्यति Leave a comment चार वर्ण, चार आश्रम, भूत, भविष्यत और वर्तमान आदि की सब विद्या वेदों से ही प्रसिद्ध होती है । (ऋ. भा. भू. वेदविषयविचार) Related