Adhyay : 12 Mantra : 86 Back to listings षण्णां एषां तु सर्वेषां कर्मणां प्रेत्य चेह च । श्रेयस्करतरं ज्ञेयं सर्वदा कर्म वैदिकम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related