Adhyay : 11 Mantra : 98 Back to listings एषा विचित्राभिहिता सुरापानस्य निष्कृतिः । अत ऊर्ध्वं प्रवक्ष्यामि सुवर्णस्तेयनिष्कृतिम् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related