ब्रह्मोज्झता वेदनिन्दा कौटसाक्ष्यं सुहृद्वधः । गर्हितानाद्ययोर्जग्धिः सुरापानसमानि षट्

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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