इसलिए संस्कारों को शुद्धि के लिए, सदा (बुरा काम होने पर) प्रायश्चित करना चाहिए, क्योंकि पापशुद्धि किये बिना मनुष्य निन्दनीय लक्षणों से युक्त हो जाते है या मरकर पुनर्जन्म में होते है ।
इसलिए संस्कारों को शुद्धि के लिए, सदा (बुरा काम होने पर) प्रायश्चित करना चाहिए, क्योंकि पापशुद्धि किये बिना मनुष्य निन्दनीय लक्षणों से युक्त हो जाते है या मरकर पुनर्जन्म में होते है ।