अब्दार्धं इन्द्रं इत्येतदेनस्वी सप्तकं जपेत् । अप्रशस्तं तु कृत्वाप्सु मासं आसीत भैक्षभुक्

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *