Adhyay : 11 Mantra : 255 Back to listings अब्दार्धं इन्द्रं इत्येतदेनस्वी सप्तकं जपेत् । अप्रशस्तं तु कृत्वाप्सु मासं आसीत भैक्षभुक् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related