Adhyay : 11 Mantra : 231 Back to listings एवं संचिन्त्य मनसा प्रेत्य कर्मफलोदयम् । मनोवाङ्गूर्तिभिर्नित्यं शुभं कर्म समाचरेत् । Leave a comment ’मरकर कर्मों का फल अवश्य मिलेगा’´मन में, इस विचार को रखते हुए मनुष्य मन, वाणी और शरीर से सदा शुभ कार्य करे Related