Adhyay : 11 Mantra : 148 Back to listings स्पृष्ट्व दत्त्वा च मदिरां विधिवत्प्रतिगृह्य च । शूद्रोच्छिष्टाश्च पीत्वापः कुशवारि पिबेत्त्र्यहम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related