किं चिदेव तु विप्राय दद्यादस्थिमतां वधे । अनस्थ्नां चैव हिंसायां प्राणायामेन शुध्यति

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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