Adhyay : 10 Mantra : 50 Back to listings चैत्यद्रुमश्मशानेषु शैलेषूपवनेषु च । वसेयुरेते विज्ञाता वर्तयन्तः स्वकर्मभिः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related