न शूद्रे पातकं किं चिन्न च संस्कारं अर्हति । नास्याधिकारो धर्मेऽस्ति न धर्मात्प्रतिषेधनम्

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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