उच्छिष्टं अन्नं दातव्यं जीर्णानि वसनानि च । पुलाकाश्चैव धान्यानां जीर्णाश्चैव परिच्छदाः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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