Adhyay : 10 Mantra : 116 Back to listings विद्या शिल्पं भृतिः सेवा गोरक्ष्यं विपणिः कृषिः । धृतिर्भैक्षं कुसीदं च दश जीवनहेतवः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related