Adhyay : 10 Mantra : 117 Back to listings ब्राह्मणः क्षत्रियो वापि वृद्धिं नैव प्रयोजयेत् । कामं तु खलु धर्मार्थं दद्यात्पापीयसेऽल्पिकाम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related