स्वायंभुवस्यास्य मनोः षड्वंश्या मनवोऽपरे । सृष्टवन्तः प्रजाः स्वाः स्वा महात्मानो महौजसः ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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