Adhyay : 1 Mantra : 41 Back to listings एवं एतैरिदं सर्वं मन्नियोगान्महात्मभिः । यथाकर्म तपोयोगात्सृष्टं स्थावरजङ्गमम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related