जहाँ कहीं श्रुति वेद में दो पृथक् आदेश विहित हों तत्र ऐसे स्थलों पर उभौ वे दोनों ही विधान धर्मो स्मृतौ धर्म माने हैं मनीषिभिः मनीषी विद्वानों ने तौ उभौ अपि सम्यक् धर्मौ उक्तौ उन दोनों को ही श्रेष्ठ धर्म स्वीकार किया है ।
जहाँ कहीं श्रुति वेद में दो पृथक् आदेश विहित हों तत्र ऐसे स्थलों पर उभौ वे दोनों ही विधान धर्मो स्मृतौ धर्म माने हैं मनीषिभिः मनीषी विद्वानों ने तौ उभौ अपि सम्यक् धर्मौ उक्तौ उन दोनों को ही श्रेष्ठ धर्म स्वीकार किया है ।