Adhyay : 1 Mantra : 114 Back to listings स्त्रीधर्मयोगं तापस्यं मोक्षं संन्यासं एव च । राज्ञश्च धर्मं अखिलं कार्याणां च विनिर्णयम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related