लोंडियों से व्यभिचार जायज
जब जिना अर्थात् बलात्कार करने की खुली छूट इस्लाम में मौजूद है तो उसें व्यभिचार प्रधान मजहब यदि माना जावे तो क्योंकर गलत होगा?
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
वल्-यस्तअ्‘फिफिल्-न………….।।
(कुरान मजीद पारा १८ सूरा नूर रूकू ४ आयत ३३)
तुम्हारी लोंडियाँ जो पाक रहना चाहती हैं उनको दुनियाँ की जिन्दगी के फायदे की गरज से हरामकारी पर मजबूर न करो और जो उनको मजबूर करेगा तो अल्लाह उनके मजबूर किये गये पीछे क्षमा करना वाला मेहरबान हैं
समीक्षा
बांदियों से जबर्दस्ती जब हरामखोरी करने के बाद खुदा क्षमा कर देगा तो यह आयत बिल्कुल बेकार लिखी गई है।
हरामखोरी करना कुरान में जुर्म नहीं माना गया है यह इसी आयत से स्पष्ट हो गया है।