खुदा कुरान सुनने पर परदा लगा देता है
मुसलमानों को कुरान का प्रचार बिना खुदा से पूछे नहीं करना चाहिए क्यों कि खुदा नहीं चाहता कि कुरान का प्रचार गैर मुस्लिमों में किया जावे। यदि वह चाहता तो परदे नहीं लगाता। कुरान का प्रचार गैरों में इस आयत के विरूद्ध क्यों न माना जावे?
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
व इजा क-रअ्तल् कुर्आ-न ज…………….।।
(कुरान मजीद पारा १५ सूरा बनी इस्राईल रूकू ५ आयत ४५)
(ऐ पैगम्बर) जब तुम कुरान पढ़ते हो तो हम तुम में और उन लोगों में जिनको कयामत पर विश्वास नहीं एक परदा कर देते हैं।
व ज-अल्ना अला कुलू बिहिम्………..।।
(कुरान मजीद पारा १५ सूरा बनी इस्राईल रूकू ५ आयत ४६)
उनके दिलों पर आड़ रखते हैं ताकि कुरान को समझ न सकें और उनके कानों में बोझ डालते हैं ताकि सुन न सकें जब कुरान में अकेले खुदा की चर्चा करते हैं तो काफिर नफरत से उल्टे भाग खड़े होते हैं।
समीक्षा
जब अरबी कुरानी खुदा खुद ही नहीं चाहता कि लोग कुरान को सुनें और यदि सुनना भी चाहे तो वह उनके बीच में परदा डाल देता है। उनके दिल, दिमाग व कानों में बोझ डाल देता है। ताकि वे सुन व समझ न सकें तो फिर उनका क्या दोष है? असल में काफिर तो खुदा है जो लोगों को अपने प्यारे इलहाम को समझने से रोकता है।