खुदा ने अरबी जाहिलों को पैदा करके अपनी अकलमन्दी का सबूत दिया है या जहालत का? जब स्वयं जाहिल पैदा किये तो उन्हें गाली क्यों दी?
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
फ इन हाज्जू-क फ-कुल् अस्लम्तु………।।
(कुरान मजीद पारा ३ सूरा आले इम्रान स्कू २ आयत २०)
(ऐ पैगम्बर) किताब वाले और (अरब) के जाहिलों से कहों कि तुम भी इस्लाम को मानते हो या नहीं?
समीक्षा
इसमें अरबी खुदा ने अरब वालों को डंके की चोट पर ‘‘जाहिल’’घोषित कर दिया है। जाहिलों को जैसे उपदेश दिये जाते हैं, वैसे ही कुरान में उनको दिये गये हैं। हूरें, गिलमें-शराबें आदि के लालच से ही जाहिल लोग इस्लाम में फाँसे जा सकते थे और वही हथकण्डे कुरान में उपनाये गये हैं। पर एक बात विचारणीय यह भी है कि खुदा ने बिना वजह लोगों को जाहिल पैदा करके अपनी भलमनसाहत का सबूत दिया है या जहालत का? यह सोचने की बात है क्या गालियां देने से खुदा की शराफत जाहिर होती है?