खुदा नहीं चाहता कि सब मुसलमान बनें
जब खुदा ही इस्लाम का प्रचार नहीं चाहता है तो कुरान व इस्लाम का प्रचार करने वाले मुसलमान व अनकी संस्थाये कुफ्र करने से काफिर क्यों नहीं हैं?
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
व लौ शा-अ रब्बु-क ल आम- न………..।।
(कुरान मजीद पारा ११ सूरा यूनुस १० आयत १९)
और अय पैगम्बर् तुम्हारा परवर्दिगार चाहता तो जितने आदमी जमीन की सतह में हैं सबके सब ईमान ले आते। तो क्या तुम लोगों को मजबूर कर सकते हो कि वह ईमान ले आवें।
व मा का-न लिन्फ्सिन् अन् तुअ्मि-न……..।।
(कुरान मजीद पारा ११ सूरा रूकू यूनुस १० आयत १००)
किसी शख्श के हक में नहीं कि बिना हुक्म के ईमान ले आवे।
समीक्षा
जब तक खुदा नहीं चाहेगा कोई भी मुसलमान न बनेगा, यदि खुदा इस्लाम का प्रचार चाहेगा तो फल भर में दुनियां को मुसलमान बना देगा तो किसी भी मौलवी को इस्लाम का प्रचार नहीं करना चाहिए क्योंकि खुदा दुनियां को मुसलमान बनाता ही नहीं चाहता है या यह मानना चाहिए कि ‘अंगूर खट्टे हैं, वाली कहावत के अनुसार खुदा की ताकत के बाहर है कि- ‘‘सभी को मुसलमान बना सके’’।