खुदा का गुस्सा होना
गुस्सा होना, स्वभाव से क्रोधी होना यह दिमागी बीमारी होती है। क्या खुदा भी उस बीमारी का शिकार है? होम्योपैथिक में ‘‘कैमोमिला’’ नाम की दवा खिलाने से यह बीमारी मिट जाती है? क्या आलिमाने कुरान खुदावन्द को उस दिमागी रोग से इस दवा देकर रोग मुक्त करके उसका उपचार की कृपा करेंगे? इससे दुनियां का भी भला हो सकेगा। खुदा की दिमागी उत्तेजना शान्त हो जावेगी जिससे वह अपने फैसले ठंडे दिमाग से कर सकेगा।
फ-लम्मा आसफू-नन्-त-कम्ना………..।।
(कुरान मजीद पारा २५ सूरा जुरूरूफ रूकू ५ आयत ५५)
फिर जब उन लोगों ने हमको गुस्सा दिलाया, हमने इनसे बदला लिया, फिर इन सबको डूबो दिया।
समीक्षा
खुदा को भी गुस्सा आ जाता था, और बदला ले बैठता था, उसका दिमाग भी ठण्डा नहीं था, खुदा का अपने गुस्से पर भी काबू न था, हो सकता है खुदा को अय्याशी का शौक हो, शराब भी पीता हो, पर कुरान में इन बातों का जिकर नहीं है।
मुन्सिफ को तो शान्त दिमाग का होना चाहिए। क्रोधी, कामी लोभी, मोही होना तो बुराई की बात है।
अज-ज़ुख़रुफ़ (Az-Zukhruf):55 – अन्ततः जब उन्होंने हमें अप्रसन्न कर दिया तो हमने उनसे बदला लिया और हमने उन सबको डूबो दिया।
जो बुरा करेगा उससे तो ईश्वर अप्रसन्न होगा ही और सज़ा भी देगा। और जो अच्छा कार्य करेगा उससे ईश्वर प्रसन्न होगा और उसे जज़ा देगा इसमें गलत क्या
allah kya decision lene men independent hai ?
Jab wah hai hee naheen to fir uska hone ka kya arth ahai
क्या आपके पास इसके प्रमाण की खुदा निर्णय लेने में असमर्थ है
क्यों क़यामत के दिन क्या अल्लाह मुहम्मद से सलाह नहीं लेगा ?